जन्म के आधार पर नागरिकता को लेकर बड़ा ऐलान कर चुके राष्ट्रपति को मुल्क की जनता का नहीं मिल रहा साथ

वाशिंगटन
जन्म के आधार पर नागरिकता को लेकर बड़ा ऐलान कर चुके अमेरिका के नए राष्ट्रपति को मुल्क की जनता का ही साथ नहीं मिल रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को लेकर चुनाव से पहले हुए एक सर्वे में पता चला है कि आधे से ज्यादा अमेरिक इसका विरोध कर रहे हैं। ट्रंप ने अमेरिका में जन्म लेने वाले अवैध प्रवासियों के बच्चों को नागरिकता नहीं देने के लिए संविधान में बदलाव का फैसला लिया है।

जनवरी में एसोसिएटेड प्रेस की तरफ से किए गए एक सर्वे में पता चला है कि 10 में से सिर्फ 3 अमेरिकी ही जन्म के आधार पर नागरिकता बदलने के लिए संविधान बदलने के समर्थन में हैं। वहीं, 51 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क इसके विरोध में हैं। जबकि, सिर्फ 21 प्रतिशत वयस्क समर्थन कर रहे हैं। ऐसे 20 प्रतिशत उत्तरदाता रहे, जो नीति का न समर्थन कर रहे हैं और न ही विरोध कर रहे हैं।
 

राजनेता भी नहीं हैं साथ

खास बात है कि निर्दलीय राजनेताओं में से 46 प्रतिशत इसके खिलाफ हैं, 23 प्रतिशत समर्थन कर रहे हैं। जबकि, 30 फीसदी न सहमति जता रहे हैं और न ही इनकार कर रहे हैं। ट्रंप की पार्टी रिपब्लन में 53 प्रतिशत समर्थन कर रहे हैं और खिलाफ 26 फीसदी है। इधर, 73 प्रतिशत डेमोक्रेट्स नीति का विरोध कर रहे हैं और 11 प्रतिशत समर्थन कर रहे हैं। 15 फीसदी ने कोई जवाब नहीं दिया। 9 से 13 जनवरी के बीच हुए सर्वे में 1147 लोगों को लेकर सर्वे किया गया था। सैंपल में गलती की गुंजाइश 3.9 फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है।
 

ट्रंप की घोषणा
सोमवार को राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती घंटों में ट्रंप ने एक आदेश पर हस्ताक्षर किया, जिसमें घोषणा की गई कि भविष्य में बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों के, देश में पैदा होने वाले बच्चों को अब नागरिक नहीं माना जाएगा। यह आदेश देश में वैधानिक रूप से लेकिन अस्थायी रूप से रहने वाली कुछ माताओं के बच्चों पर भी लागू होगा, जैसे कि विदेशी छात्र या पर्यटक। ट्रंप के शासकीय आदेश में कहा गया है कि ऐसे गैर-नागरिकों के बच्चे अमेरिका के 'अधिकार क्षेत्र के अधीन' नहीं हंं और इस प्रकार वे 14वें संशोधन की दीर्घकालिक संवैधानिक गारंटी के अंतर्गत नहीं आते हैं।

 

India Edge News Desk

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